
दुर्गा पूजा 2025: शक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का पर्व
परिचय
दुर्गा पूजा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो शक्ति की देवी मां दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और परंपरा की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करता है। दुर्गा पूजा 2025, 29 सितंबर (सोमवार) से शुरू होकर 4 अक्टूबर (शनिवार) को समाप्त होगी।
दुर्गा पूजा का महत्व
दुर्गा पूजा का संबंध असुर महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय से है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत, नारी शक्ति के सम्मान और आत्मबल के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, ओडिशा, और बिहार में यह पर्व अत्यंत भव्यता के साथ मनाया जाता है, जबकि अब यह पूरे भारत सहित विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा 2025 की तिथियाँ (हिंदी पंचांग के अनुसार):
- महालय – 22 सितंबर 2025 (सोमवार)
- शष्ठी – 29 सितंबर 2025 (सोमवार)
- महासप्तमी – 30 सितंबर 2025 (मंगलवार)
- महाष्टमी – 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
- महानवमी – 2 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
- विजयदशमी – 3 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार)
पूजा की विशेषताएं
- पंडाल सजावट – शहर भर में भव्य और रचनात्मक पंडाल बनाए जाते हैं। ये पंडाल धार्मिक, सामाजिक और समसामयिक विषयों पर आधारित होते हैं।
- मूर्ति स्थापना – मां दुर्गा की सुंदर मूर्तियों के साथ उनके चारों बच्चों – लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिकेय और गणेश की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाती हैं।
- धुनुची नृत्य और ढाक – विशेष पूजा के दौरान पारंपरिक नृत्य और ढाक की गूंज वातावरण को भक्तिमय बना देती है।
- सिंदूर खेला – दशमी के दिन विवाहित महिलाएं मां को सिंदूर अर्पित कर आपस में सिंदूर खेलती हैं।
- भोग वितरण – पूजा के दौरान लोगों को खिचड़ी, सब्जी, खीर आदि का प्रसाद दिया जाता है।
दुर्गा पूजा और सामाजिक समरसता
यह पर्व समाज में सामूहिकता, सहयोग और सांस्कृतिक एकता को प्रोत्साहित करता है। अलग-अलग समुदाय और धर्म के लोग भी इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, जिससे यह आयोजन एक सामाजिक उत्सव बन जाता है।
आधुनिक युग में दुर्गा पूजा
अब दुर्गा पूजा में ईको-फ्रेंडली मूर्तियाँ, डिजिटल लाइटिंग, और स्मार्ट पंडाल जैसी नई तकनीकों का उपयोग हो रहा है। सोशल मीडिया और लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से अब लोग दुनिया के किसी भी कोने से पूजा का हिस्सा बन सकते हैं।
निष्कर्ष
दुर्गा पूजा 2025 न केवल धार्मिक भावना को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह पर्व कला, संगीत, नृत्य, व्यंजन और भारतीय संस्कृति की विविधता को एक साथ लाता है। मां दुर्गा की कृपा से यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए।
जय माता दी!
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